Growth and Development | अभिवृद्धि एवं विकास

अभिवृद्धि एवं विकास (Growth and Development in hindi) : यह लेख / नोट्स  प्रतियोगी परीक्षा विशेषकर शिक्षक पात्रता परीक्षा  को ध्यान में रखकर लिखा गया है ताकि छात्रों को पॉइंट टू पॉइंट जानकारी मिल सके और अपनी तैयारी काम समय में अच्छे से कर सकें । 

Growth and Development

अभिवृद्धि एवं विकास (Growth and Development) –

Growth and Development वृद्धि तथा विकास की प्रक्रिया जन्म से पूर्व ही मां के गर्भ में प्रारंभ होती है तथा जीवन पर्यंत चलती रहती है।

वृद्धि (Growth)-

वृद्धि का आशय शरीर तथा शारीरिक अंगों में भार तथा आकार की दृष्टि से वृद्धि होना है । जैसे – लंबाई बढ़ना वजन बढ़ना इत्यादि ।

विकास (Development)-

विकास शब्द परिवर्तन का द्योतक है व्यक्ति में यथा समय होने वाले विभिन्न प्रगतिशील परिवर्तनों को ही विकास कहा जाता है विकास के अंतर्गत व्यक्ति में मानसिक सामाजिक संवेगात्मक तथा शारीरिक दृष्टि से होने वाले परिवर्तनों को सम्मिलित किया जाता है। जैसे – बुद्धि का विकसित होना अथवा शारीरिक वृद्धि होना दोनों विकास के अंतर्गत आएंगे।

विकास, जीव और उसके वातावरण की अंतः क्रिया का प्रतिफल है । –स्किनर

Growth and Development in hindi अभिवृद्धि कुछ समय बाद रुक जाती है जबकि विकास जीवन पर्यंत चलता रहता है।

बाल विकास का सिद्धांत-

  • निरंतरता का सिद्धांत
  • व्यक्तिगतता का सिद्धांत
  • परिमार्जितता का सिद्धांत
  • निश्चित प्रतिरूप का सिद्धांत
  • समान प्रतिमान का सिद्धांत
  • समन्वय का सिद्धांत
  • चकरा कार्य प्रगति का सिद्धांत
  • वंशानुक्रम एवं वातावरण की अंतः क्रिया का सिद्धांत

विकास के प्रमुख मनोवैज्ञानिक सिद्धांत –

पांच सिद्धांत परीक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

  1. फ्रायड का मनोलैंगिक विकास का सिद्धांत
  2. पियाजे का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत
  3. एरिकसन का मनो-सामाजिक विकास का सिद्धांत
  4. चोमस्की का भाषा विकास का सिद्धांत
  5. कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत

विकास की अवस्थाएं (Stage Of Development)

क्रम अवस्था काल
1 गर्भावस्था (Prenatal Period) जन्म से पूर्व
2 शैशवावस्था (Infancy) जन्म से 5 वर्ष तक
3 बाल्यावस्था (Childhood) 5 से 12 वर्ष तक
4 किशोरावस्था (Adolescence) 12 से 18 वर्ष तक
5 प्रौढ़ावस्था (Adulthood) 18 से अधिक

 

1- गर्भावस्था (Prenatal Period) –

गर्भावस्था की प्रमुख विशेषताएं –

  • अवधि 9 माह 10 दिन औसतन

2- शैशवावस्था (Infancy) –

जन्म से 5 वर्ष , कुछ मनोवैज्ञानिकों ने जन्म से 3 वर्ष की अवधि को भी शैशवावस्था अवधि बताया है।

शैशवावस्था की प्रमुख विशेषताएं –

  •  शारीरिक विकास में तीव्रता
  • दूसरों पर निर्भरता
  • सीखने में तीव्रता
  • कल्पनाशीलता
  • संवेग का प्रदर्शन
  • अर्ध स्वप्न की अवस्था
  • नवजात शिशु के मस्तिष्क का भार 330 ग्राम होता है।
  • हड्डियां 270
  • ह्रदय 1 मिनट में 140 बार धड़कती है।
  • दांत – 6 माह में दूध के दांत निकलने प्रारंभ हो जाते हैं सबसे पहले नीचे के 2 दांत निकलते हैं। 1 वर्ष तक 8 दांत और 5 वर्ष की अवस्था तक 20 दांत निकल आते हैं।

3- बाल्यावस्था (Childhood) –

शिक्षा प्रारंभ करने की सबसे अच्छी आयु मानी जाती है इसलिए इसे प्रारंभिक विद्यालय आयु (Elementary School Age) भी कहा जाता है। इस अवस्था को समूह आयु (Gang age)भी कहा जाता है।

बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताएं –

  • जिज्ञासा की प्रबलता
  • आत्मनिर्भरता की भावना
  • सामूहिक प्रवृत्ति की भावना
  • रचनात्मक कार्यों में आनंद
  • बिना उद्देश्य भ्रमण की प्रवृत्ति
  • संग्रह करने की प्रवृत्ति
  • बाल्यावस्था में सीखने की गति से स्वस्था की तुलना में कम हो जाती है किंतु सीखने का क्षेत्र/क्षमता बढ़ जाता है।

4- किशोरावस्था (Adolescence) –

किशोरावस्था को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-

  • पूर्व किशोरावस्था 12 वर्ष से 16 वर्ष तक
  • उत्तर किशोरावस्था 17 वर्ष से 19 वर्ष तक

किशोरावस्था की प्रमुख विशेषताएं –

  • शारीरिक विकास
  • मानसिक विकास
  • विद्रोह की भावना
  • आत्मसम्मान की भावना
  • अपराध प्रवृति
  • स्थिरता का अभाव
  • समाज सेवा की भावना
  • काम (Sex) भावना का विकास
  • मस्तिष्क का भार – 1200 से 1400 ग्राम
  • दांतो की संख्या – 28
  • प्रज्ञा दांत (अकल के दांत) आने होते हैं जिनकी संख्या चार होती है।
  • हड्डियां – 206

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