पावलव का क्लासिक अनुबंध सिद्धांत | 1: परिचय, प्रयोग, तथ्य | Easy Practical Explanation

पावलव का क्लासिक अनुबंध सिद्धांत | Pavalov’s Theory of Classical Conditioning शिक्षामनोविज्ञान का एक प्रमुख टॉपिक है । इस टॉपिक से शिक्षक पात्रता परीक्षा में प्रश्न जरूर पूछे जाते हैं । शिक्षक पात्रता परीक्षा को ध्यान में रखकर ही इस लेख को संक्षिप्त किया गया है ताकि आप को पॉइंट टू पॉइंट जानकारी मिल सके । 

पावलव का क्लासिक अनुबंध सिद्धांत (Pavalov’s Theory of Classical Conditioning)- 

इवान पवलव रूस के मानोवैज्ञानिक थे । इनके सिद्धांत प्रतिपादन के बाद शिक्षा मनोविज्ञान में गहरा प्रभाव पड़ा । जिसके बाद बहुत सारे सिद्धांत प्रतिपादित किए गए । 

इवान पी. पावलव का परिचय (Ivan Petrovich Pavlov)

  • पूरा नाम  – इवान पत्रोविच पावलोव 
  • जन्म – 26 September 1849
  • मृत्यु – 27 February 1936
  • निवासी – रूसी शरीर वैज्ञानिक
  • नोबेल पुरस्कार विजेता – 1904 नोबेल पुरस्कार विजेता

पावलव  सिद्धांत के अन्य नाम (Also Known as) –

  • अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत
  • अनुबंधित अनुक्रिया सिद्धांत
  • Conditional Response Theory
  • C-R Theory
  • शास्त्रीय अनुकूलन सिद्धांत
  • प्राचीन अनुबंध सिद्धांत
  • अनुक्रियात्मक अनुबंध सिद्धांत

सिद्धांत के प्रसार के लिए दो पुस्तकें –

इवान पवलोव ने अपने सिद्धांत (पावलव का क्लासिक अनुबंध सिद्धांत) को प्रतिपादित करने के लिए दो पुस्तकों प्रतिपादित किया जो निम्न प्रकार से हैं –

  1. Conditioned Reflex
  2. Lectures on Conditioned Reflex

पावलव का क्लासिक अनुबंध सिद्धांत प्रयोग-

इवान पावलव  के घर में एक कुत्ता था।  इवान पावलव ने देखा कि जब भी कुत्ते को भोजन देने के लिए उनका नौकर जाता है, तो नौकर के पैरों की आवाज सुनकर ही कुत्ते के मुंह में पानी आने लगता है ।  अर्थात उन्होंने ऑब्जर्व किया की स्वाभाविक अनुक्रिया के लिए स्वाभाविक उद्दीपक का होना जरूरी है ।  किंतु यहां पर स्वाभाविक अनुक्रिया  अस्वाभाविक उद्दीपक के साथ हो रहा था । अर्थात जो यह अनुक्रिया (Response) हो रहा था वह Conditional हो रहा था ।

पावलव का क्लासिक अनुबंध सिद्धांत प्रयोग

पावलव का क्लासिक अनुबंध सिद्धांत को हम सरल भाषा में समझते हैं –

जैसे स्वाभाविक अनुक्रिया (Natural Response) मुंह में लार आना है और मुंह में लार लाने के लिए स्वाभाविक उद्दीपक (Natural Stimulus) किसी भी प्रकार का भोजन है । किंतु कुत्ते ने भोजन के साथ नौकर के पैरों की आवाज को अनुबंध कर लिया था और इसलिए जब भी वह नौकर के पैरों की आवाज को सुनता था तो समझ जाता था कि अब मुझे भोजन मिलने वाला है और उसके मुंह में लार आ जाता था । 

इस सिद्धांत को सिद्ध करने के लिए ही उन्होंने अपना एक प्रयोग किया जिसे क्लासिक अनुबंध सिद्धांत कहा जाता है । इस प्रयोग के अंतर्गत उन्होंने कुत्ते को एक स्टैंड पर खड़ा किया और उसे भोजन देना शुरू किया किंतु जब भी वह भोजन देते थे, भोजन देने के कुछ सेकंड पहले वह एक घंटी बजाते थे, जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं घंटी बजाने के बाद ही वह कुत्ते को भोजन देते थे । कुत्ता धीरे-धीरे यह समझ गया कि घंटी बजाने के बाद ही हमें भोजन मिलता है जिसके फलस्वरूप उसने घंटी को भोजन के साथ अनुबंध करके अनुक्रिया करने लगा । 

एक समय ऐसा आया कि इवान पावलव ने केवल घंटी बजाई और भोजन नहीं दिया किंतु उन्होंने देखा कि कुत्ते के मुंह में घंटी की आवाज से ही लार आ गया था अर्थात जब किसी स्वाभाविक उद्दीपक (Natural Stimulus) के साथ किसी अस्वाभाविक उद्दीपक (Natural Stimulus) को बार-बार प्रस्तुत किया जाता है तो उसके फल स्वरुप अस्वाभाविक उद्दीपक (UnNatural Response / Conditional Stimulus) से ही स्वाभाविक अनुक्रिया होने लगती है । 

निष्कर्ष –

इस प्रयोग में स्वाभाविक उद्दीपक (Natural Stimulus) (भोजन) के साथ अस्वाभाविक उद्दीपक (घंटी) को जोड़कर स्वाभाविक अनुक्रिया (Natural Response) (लार) को अनुबंधित किया । 

नीचे दिए गए चित्र को आप ध्यान पूर्वक देखें । 

इवान पावलव का क्लासिक अनुबंध सिद्धांत प्रयोग के आधार पर अनुक्रियाओं को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है –

  1. स्वभाविक अनुक्रियायें- जो जन्मजात होती हैं। 
  2. अस्वाभाविक अनुक्रियायें- जो अर्जित व मनोवैज्ञानिक होती हैं।

पावलव का क्लासिक अनुबंध सिद्धांत से परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न एवं उत्तर –

प्रश्न: पवलोव ने अपना प्रयोग किस जानवर पर किया था ?

उत्तर: कुत्ते पर

प्रश्न: पावलव को किस वर्ष नोबेल का पुरस्कार मिल था ?

उत्तर: 1904 में पावलव नोबेल का पुरस्कार मिल था।

प्रश्न: पावलव को कहाँ के मूल निवासी थे ?

उत्तर: पावलव को रूस के मूल निवासी थे ।

प्रश्न: पावलव ने अपने प्रयोग में स्वभाविक अनुक्रिया किसे बताया ?

उत्तर: मुंह में लार । 

प्रश्न: पावलव ने अपने प्रयोग में प्राकृतिक(Natural) ऊदीपक  किसे बताया ?

उत्तर: भोजन को ।

प्रश्न: पावलव ने अपने प्रयोग में अस्वाभाविक उद्दीपक (UnNatural Response / Conditional Stimulus) किसे बताया ?

उत्तर: घण्टी को ।


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